1971 में कांग्रेस को 352 सीटें
मिली थी ,
दुसरे नंबर पर 25 सीट के साथ
माकपा थी,
कांग्रेस ने उसे विपक्ष के नेता के तौर पर
मान्यता नहीं दी थी......
1980 में दुसरे नंबर पर 41 सीटो के साथ
चरण
सिंह
की जनता पार्टी थी ,
लेकिन कांग्रेस ने उसे
विपक्ष के नेता का पद नहीं दिया था........
1984 में तेदेपा को 30 सीट
मिली थी , पर
कांग्रेस ने उसे भी विपक्ष के नेता का पद
नहीं दिया था.......
और आज "त्याग की मूर्ति" ने 44
सीट होने के
वावजूद विपक्ष के नेता के पद के लिए
लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखा,
कहा की 10%
वाला कोई नियम नहीं ह......
कभी रो रो कर बोला था माँ ने सत्ता जहर
है
आज उसी जहर को पीने के
लिए मरे जा रहे है
जनता ने तो विपक्ष के
लायक.भी नहीं छोड़ा
और वो बेशर्म बन कर विपक्ष नेता पद
की मांग किये जा रहे है
क्यों सोनिया गांधी चाहती हैं
विपक्ष के नेता का पद ?
"केबिनेट मंत्री का दर्जा और उसके कारण
वर्तमान में चल रहे भ्रष्टाचार मामलो में सुरक्षा कवच"
मिली थी ,
दुसरे नंबर पर 25 सीट के साथ
माकपा थी,
कांग्रेस ने उसे विपक्ष के नेता के तौर पर
मान्यता नहीं दी थी......
1980 में दुसरे नंबर पर 41 सीटो के साथ
चरण
सिंह
की जनता पार्टी थी ,
लेकिन कांग्रेस ने उसे
विपक्ष के नेता का पद नहीं दिया था........
1984 में तेदेपा को 30 सीट
मिली थी , पर
कांग्रेस ने उसे भी विपक्ष के नेता का पद
नहीं दिया था.......
और आज "त्याग की मूर्ति" ने 44
सीट होने के
वावजूद विपक्ष के नेता के पद के लिए
लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखा,
कहा की 10%
वाला कोई नियम नहीं ह......
कभी रो रो कर बोला था माँ ने सत्ता जहर
है
आज उसी जहर को पीने के
लिए मरे जा रहे है
जनता ने तो विपक्ष के
लायक.भी नहीं छोड़ा
और वो बेशर्म बन कर विपक्ष नेता पद
की मांग किये जा रहे है
क्यों सोनिया गांधी चाहती हैं
विपक्ष के नेता का पद ?
"केबिनेट मंत्री का दर्जा और उसके कारण
वर्तमान में चल रहे भ्रष्टाचार मामलो में सुरक्षा कवच"