संगठन गढ़े चलो
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सुपंथ पर बढ़े चलो
भला हो जिस में देश का वो काम सब किए चलो ।।
युग के साथ मिलके सब कदम बढ़ाना सीख लो
एकता के स्वर में गीत गुनगुनाना सीख लो
भूलकर भी मुख से जाति पंथ की न बात हो
भाषा प्रान्त के लिए कभी ना रक्त पात हो
फूट का भरा घड़ा है फोड़कर भरे चलो
भला हो जिस में देश का वो काम सब किए चलो ।।
आ रही है आज चारों ओर से यही पुकार
हम करेंगे त्याग मातृभूमि के लिए अपार
कष्ट जो मिलेंगे मुस्करा के सब सहेंगे हम
देश के लिए सदा जिएगें और मरेंगे हम
देश का ही भाग्य अपना भाग्य है ये सोच लो
भला हो जिस में देश का वो काम सब किए चलो ।।
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