गोगा नवमी की हार्दिक शुभकामनाएं।।
प्रस्तुत दूहो में राणी सरियल ,गोगाजी व माता बाछल के संवादों को चित्रित करने का प्रयास किया है।सो अवलोकनार्थ प्रस्तुत है सा🙏🏻🙏🏻
@अजयसिंह राठौड़
गोगा मेड़ी गोरवै,करता भगत पुकार।
नीला घोड़ा नोलखा ,आया नह असवार।।1।।
गोगा थारै गोरवै, भगतां री भरमार।
सांपा रा सिरताज थै, आया नह असवार।।2।।
सरियल बैठी सासरै,करती करुण पुकार।
बोलै सासू बोलडा, आयो नह असवार।।3।।
कोप मात रै कारणै, छोड़ी थै मझदार।
प्रीत निभावण प्रेम सूं, आयो नह असवार।।4।।
सरियल सूती सेज पे,सोलह कर सिणगार।
रोवै झुर झुर रात नै, आयो नह असवार।।5।।
गोगो आवै रात गो,सरियल लेवण सार।
मौको देखे मावडी,आवै कद असवार।।6।।
बैठी छुपनै मावडी,ले सरियल री लार।
रात सारी बिसारनै, आयो जद असवार।।7।।
बोली फिर यूँ मावडी,वचन दिया तुं बिसार।
ओजूं फेर न आवणो,इण पोळी असवार।।8।।
गोगो चालै गांव सूं, रिसां होय सिरदार।
आयौ मेड़ी गोरवै,हो घोड़े असवार।।9।।
धरणी करी अराधना, देदे मात दरार।
गोग समायो गोद में,संग घोड़े असवार।।10।।
🙏🏻🌹
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