बखत पलटों मारेला
राजतंत्र फाजों आवेंला
घणों हों गयों अधर्म
अबैं धर्म आवेंला
घणों हों गयों अंधारों
अबैं उजाळों वेवेंला
बखत पलटों मारेला
राजतंत्र फाजों आवेंला
कोई महाराणा कोई शिवा
कोई दुर्गादास बनेला
मती करजों होच मनखा
पग पग खाड़ो खड़केला
चहुँ ओंर ललकार होवेंला
रजपूत री जयकार होवेंला
बखत पलटों मारेला
फाजों राजतंत्र आवेंला
जय राजपूताणों
ये रजपूती लेंणा आपरे
हिवड़ा नें भावीं वेवें
तों इण्नें वना काट्या
आपणा मनखा रे लारें
मेंलजोल करावों सा
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